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  आत्मबल  

  Raj Kumar         2020-07-22 15:46:40

जो चीज ऊर्जा लाती हैं कहे तो पॉजिटिव ऊर्जा वही चीज ज़ब निगेटिव ऊर्जा लाती हैं तो प्रलय जैसा मंजर बन जाता हैं. पहाड़ / जंगल जो हमें बारहमास  सब कुछ देते हैं जैसे जीवनदायिनी ऑक्सीजन, अनमोल जड़ी बूटी, बहुमूल्य लकड़ी, पशुओ के लिये चारा, अवसादग्रस्त लोगो के लिये हरितमय वातावरण, निर्मल पीने का पानी इत्यादि. लेकिन ज़ब यही पहाड़ / जंगल मानसून  मे पानी से भर जाते हैं तो भयावह भूस्खलन, बाढ़, बादल फटना आदि जैसे नाशक कार्य विधियां लाते हैं. मतलब समय के साथ मानव / संसाधन /ऋतू  आदि के क्रियाक्लाप परिवर्तित होते हैं जिसके परिणति मे सब कुछ बदल सा जाता है. तभी तो समय को बलवान बोला गया है. 
क्योकि सबकुछ परिवर्तनशील हैं ये देह, दिमाग़, देशज, हवा,  पानी.... कोई स्थिर नहीं हैं.... नाही होना भी चाहिए.. सिर्फ आत्मा या मन को छोड़कर..... 
अभी भुवन के सभी देश बाढ़ से ग्रस्त हैं चाहे वो अपना देश हो या परदेश हो... स्थिति कठिन... कितने गांव के गांव उजड़ गए... आसाम हो या बिहार, गुजरात हो या उत्तराखंड.... नेपाल हो या इटली,, चीन हो या अमेरिका.. सब जलमग्न... कितने लोग तो इसमें बह गए... कितने ढाँचा टूट गए.... केवल हानि ही हानि.... 

बहुतायत इंसान तो अब चींटी की तरह जिंदगी जी रहा हैं... पता नहीं कौन सी चीज उसको कब मसल जाये..... 

इसमें एक ही चीज इंसान को खुद को मजबूत करती हैं जो हैं उसका आत्मबल.... कुछ भी हो जाये, अंतिम श्वास तक आशा और निरंतर कुछ अच्छा करने की इच्छा को नहीं त्यांगेगे. 

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