प्रेम की एक खूबसूरती ये देखी कि वो कभी कम नहीं होता हर दिन बढ़ता ही जाता है चारो तरफ प्रेमत्व की खुशबू से प्रेम जीव को सराबोर करता रहता है अनंत शून्य में जैसे कोई ब्लैक होल हो वैसे ही इस अनंत ब्रह्माण्ड में प्रेम भी उसी भांति क्रियाशील रहता है जिसका कही कोई अंत नहीं,कहीं कोई छोर नहीं, और इसके सिवा कहीं कुछ और है भी नहीं, संपूर्ण सृष्टि में प्रेम और केवल प्रेम ही सर्वोपरि है!! ?!!
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