Poems



 माँ के लाल  

  Raj Kumar       2020-06-21 15:23:33

भेजा अपने लालो को सरहद पे दुश्मनों  को मिटाने को 1
ललकारा उनको कहा ओजस्वी वाणी से,  वीरता अपनी दिखाने को l
बोला हुंकार भर के आज अब तेरी बारी हैं l
भारत माँ की रक्षा के लिये दूध की  कीमत आज तुझे  चुकानी हैं l
लड़ना तुम डट के सीमा पे और  भय से ना घबराना l
एक, दो,  चार नहीं कम से कम सौ दुश्मन मार के आना l
ना सोचना घर परिवार के बारे में, ये देश हमारा हैं l
इसी मिट्टी में पले बड़े हम, ये हमें जा से भी प्यारा हैं l
लगाना पढ़े जा की बाजी, तो भी तुम ना पीछे हटना l
किसी भी कीमत पे, शत्रुऑ के  तुम दाँत खट्टे करना l
अगर वीरगति को प्राप्त हुए तो भी ना होंगी आंखे मेरी  नम l
मै ही नहीं पूरी देश की माताए करेंगी तुझे शत शत नमन l
मै ही नहीं पूरी देश की माताए करेंगी तुझे शत शत नमन l
"स्नेहिल राज "
उप महाप्रबंधक -NTPC 
काँटी, मुजफ्फरपुर 
बिहार
 

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