Poems



 संगिनी 

  Raj Kumar       2020-09-13 03:19:23

तेरे बिना ज़िन्दगी से नहीं कोई आस l
ये जिद है मेरी की तू रहे हमेशा मेरे पास ll


तुम मेरी आवाज़ की बन जाओ गीत l
मैं बना रहा हू तुम्हारा सच्चा मनमीत ll


तुम बन जाओ विशाल धरती तो मैं बन जाऊ खुला  आसमान l
इस दुनिया मे ना हो कोई जोड़ी अपने समान ll


मैं सागर तो तुम उसकी अस्तित्व की जल कण l
बहती तुम मेरे  साथ हर छन -हर पल ll


हम दोनों उपवन के दो मनोरम सुगन्धित फूल l
खुद भी खिले, सबको खिलाये और रहे सदा कूल ll


मैं तुम्हारा हंस तो तुम मेरी मोहक हंसिनी l
मैं तुम्हारा सखा तो तुम मेरी संगिनी ll

तुम मेरी शमा तो मैं तेरा परवाना l
इस जहा मे मेरे जैसा कोई नहीं तेरा दीवाना 

हम हमेशा एक दूसरी की बनते है आवाज़ l
यही है हमारा जिंदगी की खुशहाली का राज ll 

-*-*-*-*-