Poems



 संगिनी  

  Raj Kumar       2020-07-27 15:56:18

तुझको देख के आता हैं करार l
मैं तुम्हारा और तुम हमार ll
चाहता हू तुम्हें बहुत और दिल से तुमको आभार l

सुनती हो तुम मुझे सादगी से और नहीं करती कभी प्रतिकार ll

हमेशा रहता हैं तुम्हारे आलिंगन का इंतज़ार l
तुम्हारे छूवन से ही पुलकित होता शरीर हजार  बार ll

तुम मुझे तहे दिल से करती हो स्वीकार l
यही तो वो बात है जिससे मुझे भी नहीं इनकार ll

तेरे काले घने केश और तुम्हारा श्रृंगार l
महसूस कराते ऐसे जैसे रजनीगंधा के  खुशबू की बहार ll

कपोल पर सजती लाली और सजल नयन मे दिखता प्यार l
मै भी तेरे सजदा करू और  खूब करू तुझसे प्यार l

मै भी तेरे सजदा करू और खूब करू तुझसे प्यार ll 

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