Poems



 रह हमेशा तू जोश मे 

  Raj Kumar       2020-07-23 18:43:15

ना सोच की क्या हो रहा, रह हमेशा तू जोश मे l
कर सबके हौसले बुलंद, और रह हमेशा होश मे ll
कर सुकर्म  निरंतर, पूरे मनोयोग  से l
जिससे सिद्ध हो जन्म सार्थक, इस लोक मे ll
आना जाना तो एक चक्र हैं l
पर सार्थक सिद्ध होना सबके लिये, एक फक्र हैं ll
सूरज नहीं बन पाए तो कोई बात नहीं l
दीपक बने जरूर, इसका रहे ध्यान हमें ll
जीते खुद और जिताये भीl
जिए खुद और जिलाये भी ll
मंजर बनाये अलौकिक सा l
जिसमे सब आनंदित हो सम्पूर्ण सा ll
दुखो के लिये सोख्ता बन जाये l
ख़ुशी के लिये बहार लाये ll
हर एक को करें अंगीकार l
विधाता ने भी कहा हैं, सबको करो स्वीकार ll
विधाता ने भी बोला हैं सबको करो स्वीकार ll 

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