गर बचानी हैं बेटी तुझे अपनी तो ना बीजेपी और ना कांग्रेस मे उलझ हिन्द देश का वासी है तु ना हिन्दू और ना मुस्लमान में उलझ भाईचारा हैं तेरा मूल सदा ना तु यहां किसी जातिवाद में उलझ गर बचानी हैं लाज तुझे अपनी तो ना तु इन हुक्मरानों की हुकूमत में उलझ हैं ये सब तेरी आढ में आगे जाने वाले तो ना तु इनकी जादू सी बातों में उलझ रहना है तुझे यही कही जमीन पर तो ना तु किसी क्षेत्रक वाद में उलझ सीखा खुद अपनी लाडली को हर दांव-पेंच ताकि ना वो किसी की बाट देखे बचाने को कर उस पर इक अहसान ऐसा जिसे सीख वो महफूज़ करे इस धरा को गर बचानी हैं बेटी तुझे अपनी तो खुद खडा हो नारी जात की रक्षा को।।
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