कुछ ख्वाहिशें है दिल में, अरमान भी बड़े है, पाने को उनको , उस डगर पर चल पड़े है.... वक़्त कुछ लगेगा, सब्र तो करना पड़ेगा, राह ना होगी आसान, पथरीले रास्तों पे चलना तो पड़ेगा..... मिल जाएगी मंजिल , बस तू खुद को रुकने ना देना, ठिठक भले ही जाए कदम, पर उन्हें थमने ना देना... फिर होगा वो उजाला , खुशियों के सूरज का ऐसा, पा जाएगा वो मुकाम, खुली आंखों से देखे ख्वाबों में देखा वैसा।
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