" गीत" - अवध में राम आए हैं हर्षित है सारा ही संसार अवध में राम आए हैं अवध में राम आए हैं मेरे भगवान आए हैं। काटकर सदियों का वनवास पुन: . सियाराम .आए. है । भरत है मिलने को आतुर लखन संग हनुमान आए हैं । छवि है मनमोहन वाली सभी के हिय में समाए है । सरयू के पावन घाटों ने गीत मंगल के गाए हैं। सजे हैं सारे घर और द्वार देवों ने पुष्प बरसाए हैं । आज मंदिर के मुहूर्त पर मोदी संग नाथ आए हैं। उमंग में नाच रहे नर नार प्रजा ने दीप जलाए हैं।
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